- ग्लैडसन डुंगडुंग -
कसम खायी है हमने,
आदिमानव बनाकर रखने का तुम्हें,
कलम, तलवार और बंदूक,
तीनों ही है मुट्ठी में हमारी,
तीर से क्या खाक मार लोग,
वह भी चंद दिनों बाद,
गुलाम होगा हमारा ही,
प्रतियोगिता में प्रथम आने की,
कभी कोशिश मत करना,
अंतिम पायदान पर ही रखेंगे तुम्हें हम,
डाॅक्टर, इंजिनियर और आॅफिसर बनोग,
तो बता देंगे दुनियां को हम,
मेरिट तुम में है कहां,
आरक्षण ही तो है सहारा तुम्हारा,
क्या तुम नहीं जानते,
एकलब्य का अंगूठा कटवाया था हमने,
और बनाया जंगली, राक्षस और असूर तुम्हें,
यूरेनियम का जहर पिलाकर भी,
कर दी हमने,
जादुगोड़ा में नीलकंठ तुम्हारी,
तुम पीढ़ी दर पीढ़ी कराहते रहोगे,
और गढ़कर साहित्य तुम्हारा,
दुनियां में बटोरते रहेंगे ताल्लियां हम,
सिर्फ चीटियां खिलाकर ही,
जिन्दा रखा कहानियों में तुम्हें हमने,
और बदलने के लिए अपनी तकदीर,
दीमक खिलाने से भी नहीं चूके तुम्हें हम,
लैपटाप, कैमरा या स्क्रीनटच मोबाईल रख लो,
होन्डा सिटी, क्वालिस या सफारी की सवारी कर लो,
पोश बिल्डिंग, अपार्टमेंट या बंगला बना लो,
पर बनाकर रखेंगे आदि मानव ही,
अपने शब्द-संसार में तुम्हें हम,
कसम खायी है हमने,
बनने देंगे नहीं,
इस संसार में मानव तुम्हें हम।
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें