सोमवार, 22 जुलाई 2019

साहब का फैसला

ग्लैडसन डुंगडुंग










साहब आप ने हमें
जंगलों से अलग
करने का फैसला
कैसे कर दिया 
वातानुकूलित कमरे में
बैठकर?
क्या जंगल में
सखुआ के पेड़ों से टकराने वाले
हवा के झोंके से कभी
टकराये हैं आप?
क्या जंगल में
सीना तान के खड़े
पेड़ों के नाम
जानते है आप?
क्या जिनहोर के फूलों की खुशबू
कभी आपके नाक तक पहुंची है?
क्या गेठी, पुटू और करील का स्वाद
कभी चखा है आप ने?
क्या महुआ की महक
के बारे में जानते हैं आप?
फिर जंगलों से हमें
खदेड़ने का फैसला
कैसे कर दिया साहब आप ने?
जंगल में हमारे
न होने का मतलब
जानते हैं आप?
आपके फैसले से
भयभीत हैं जंगल
थरथरा रहे हैं पेड़
कंप उठे हैं भय से
छोटे-छोटे पौधे भी
बंद कर दिया है
चिड़ियों ने चहचहाना
खामोश हैं
बाघ, भालू और बंदर
झींगुरों ने शोरगुल
बंद कर दिया है
वे जान गये हैं
पूंजीपतियों के पंजों से
उन्हें बचानेवाला
अब कोई नहीं बचेगा
जंगलों में। 

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